एसएमई या लघु और मध्यम उद्यम के रूप में पंजीकृत कंपनी को दिया गया लोन एसएमई लोन कहलाता है। दूसरी ओर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के तहत पंजीकृत कंपनी एमएसएमई लोन की मांग करती है। एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट इन दोनों श्रेणियों के व्यवसायियों को लोन देता है। व्यवसायी लोन रकम से अचल संपत्तियों में निवेश करते हैं। इसके अलावा, वे लोन रकम से कार्यशील पूंजी के लिए अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मशीनरी, उपकरण और कच्चा माल खरीदकर अपने परिचालन का भी विस्तार करते हैं।
एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट लोन आवेदन के आधार पर एसएमई और एमएसएमई दोनों को प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर बिना कुछ गिरवी रखे रु. 75 लाख* तक का लोन दे सकता है। हमारे लोन समाधानों को अलग अलग ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लचीला बनाया गया है।
एसएमई लोन की ब्याज दर विभिन्न कारकों जैसे स्थान, शुद्ध आय, व्यापार स्थिरता, गिरवी, मौजूदा मासिक दायित्वों आदि के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। यदि लोन लेने वाला किसी व्यवसाय का मालिक और स्व-नियोजित व्यक्ति है, तो एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट 13% प्रति वर्ष से शुरू होने वाली ब्याज दरों पर पर्सनल लोन देता है।
एमएसएमई लोन की ब्याज दर आकर्षक है। यह व्यवसाय की प्रकृति, उद्योग के प्रकार, कंपनी के अस्तित्व में आए हुए साल की संख्या, वित्तीय स्थिति आदि जैसे कई मापदंडों पर निर्भर करती है।
आप एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट की वेबसाइट से अपनी एसएमई और एमएसएमई लोन पात्रता जांच सकते हैं। सामान्य पात्रता मानदंडों में शामिल हैं:
एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट एमएसएमई लोन और एसएमई लोन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची यहां दी गई है:
हम लोन देने की प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए न्यूनतम दस्तावेजीकरण के साथ लोन देने का प्रयास करते हैं।
एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट से आप हमारी नजदीकी शाखा कार्यालय में जाकर या हमारी वेबसाइट के माध्यम से एसएमई/एमएसएमई लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि आप लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो इन आसान चरणों का पालन करें:
हम अपनी एसएमई लोन प्रक्रियाओं को पारदर्शी रखने का प्रयास करते हैं, ताकि ग्राहक सूचित निर्णय ले सकें। हम आपकी पात्रता और लोन आवेदन आवश्यकताओं की जांच करने के लिए अपने व्यवसाय लोन पात्रता कैलकुलेटर, ईएमआई कैलकुलेटर और दस्तावेजीकरण सूची जैसे विभिन्न उपकरणों तक आसान ऑनलाइन पहुंच प्रदान करते हैं। हम रु. 75 लाख तक के एसएमई लोन प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर देते हैं। इसके लिए कुछ भी गिरवी नहीं रखना होता है। हम लोन का वितरण भी आसानी से तेजी के साथ करते हैं।
हम अपने ग्राहकों को पुनर्भुगतान अनुसूची के संबंध में पर्याप्त लचीलापन प्रदान करते हैं। आप अपनी सुविधा के हिसाब से 12-48 महीनों के बीच लोन चुकौती अवधि तय कर सकते हैं। इसी तरह, यदि आप अपने लोन को समय से पहले जल्द से बंद करना चाहते हैं, तो हम बिना अतिरिक्त शुल्क* के फोर-क्लोजर विकल्प प्रदान करते हैं।
एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट से एसएमई लोन के लिए आवेदन करना ऑनलाइन आवेदन प्रक्रियाओं के माध्यम से तेज कर दिया गया है। हम आपको आपकी योग्यता, वांछित अवधि और संबंधित दस्तावेजों के साथ लोन राशि के आधार पर उपलब्ध प्रतिस्पर्द्धी ब्याज दरों और शर्तों के साथ अनुकूलित प्रस्ताव देते हैं।
*नियम और शर्तें लागू
**फोरक्लोजर शुल्कों के अधीन। नियम और शर्तें लागू।
*कृपया ध्यान दें कि लोन एस.एम.एफ.जी इंडिया क्रेडिट के विवेक पर वितरित किए जाते हैं। अंतिम अनुमोदन, लोन शर्तें और वितरण प्रक्रिया लोन आवेदन के समय एस.एम.एफ.जी इंडिया क्रेडिट की नीति के अधीन होगी। यदि आप एक मौजूदा ग्राहक हैं और अपने लोन को अवधि से पहले चुकाना चाहते हैं, तो कृपया ध्यान दें कि अवधि से पहले लोन चुकाने की शर्तें और शुल्क अनुरोध के समय हमारी नीति के अनुसार लागू होंगे।
हम अपनी सेवाओं में पूर्ण पारदर्शिता प्रदान करने के प्रयास करते हैं। हालाँकि, कृपया ध्यान दें कि इस पृष्ठ के अंग्रेजी और हिंदी संस्करण के बीच सामग्री में किसी भी अंतर के मामले में, अंग्रेजी पृष्ठ में दी गई जानकारी को अंतिम माना जाना चाहिए।
नियामक प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित परिभाषा के अनुसार, कुछ कंपनियों को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में छोटे या मध्यम उद्यमों के रूप में बांटा जाता है। निवेश की गई पूंजी और टर्नओवर के आधार पर इन उद्योगों को उप-विभाजित किया जाता है। किसी भी उद्यम को छोटा उद्यम तब कहा जाता है, जब उसमें रु. 10 करोड़ से अधिक का निवेश नहीं हुआ हो। साथ ही उसका टर्नओवर रु. 50 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए। दूसरी ओर, किसी भी मध्यम उद्यम में रु. 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश नहीं होना चाहिए और उसका टर्नओवर रु. 150 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए।
एमएसएमई का फुल फॉर्म है- माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज। एमएसएमई संस्थाओं की स्थापना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम, 2006 के तहत की जाती है। भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके कारण ही उन्हें सही मायने में भारतीय अर्थव्यवस्था का रीढ़ माना जाता है। एमएसएमई माल और वस्तुओं के उत्पादन, निर्माण, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप देश के पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हुआ है, निर्यात में वृद्धि हुई है, औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला है। साथ ही इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं।
एसएमई लोन को एसएमई को उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने और विस्तार, कार्यशील पूंजी और बुनियादी ढांचे/व्यवसाय विकास के लिए आवश्यक धन प्रदान करने के लिए दिए गए लोन के रूप में सर्वोत्तम रूप से परिभाषित किया जा सकता है।
एमएसएमई लोन उन उद्यमों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता और लाभ है, जो एमएसएमई के लिए तय पात्र मानदंडों के तहत आते हैं और उसी के अंतर्गत पंजीकृत होते हैं। यह एक संपार्श्विक-मुक्त लोन है, जो एमएसएमई को उनके बुनियादी ढांचे के निर्माण और उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार वित्त सहायता प्रदान करने के लिए दिया जाता है।